क्या है अब्राहम समझौता
(What is Abraham Accord)

- 15 सितंबर, 2020 को, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ऐतिहासिक अब्राहम समझौते (Abraham Accord) पर हस्ताक्षर करने के लिए इजरायल के प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन के विदेश मंत्रियों की मेजबानी की।
- सौदे के अनुसार, संयुक्त अरब अमीरात ने औपचारिक रूप से इज़राइल राज्य को मान्यता दी, जबकि बाद में फिलिस्तीन के कब्जे वाले वेस्ट बैंक के कुछ हिस्सों को जोड़ने की अपनी योजना को रोक दिया।
- अब्राहम समझौता 26 वर्षों में पहला अरब-इजरायल शांति समझौता है।
- भारत ने अब्राहम समझौते का स्वागत किया था भारत हमेशा से इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता प्रदान करने वाले तंत्र की बहाली के लिए प्रयासरत था।
- भारत के अब पहले की तुलना में इजरायल और खाड़ी देशों के साथ मजबूत, बहुआयामी और बढ़ते सामाजिक आर्थिक सम्बन्ध हैं।
- खाड़ी में आठ मिलियन से अधिक भारतीय प्रवासी सालाना लगभग $ 50 बिलियन का लाभांश , $ 150 बिलियन से अधिक के वार्षिक व्यापार और भारत के लगभग दो-तिहाई हाइड्रोकार्बन आयात और प्रमुख निवेश का स्त्रोत है।
- भारत खाड़ी देशों के लिए मानव संसाधन , खाद्य उत्पादों, फार्मास्यूटिकल्स, रत्न, आभूषण और हल्की इंजीनियरिंग वस्तुओं का पसंदीदा स्रोत है।
- दुबई के रियल एस्टेट, पर्यटन और मुक्त आर्थिक क्षेत्रों में भी भारतीय सबसे बड़े हितधारक हैं।
- भारत पिछले कुछ समय से पश्चिम एशिया में सामरिक दृष्टि से काफी रूचि ले रहा है अब्राहम समझौते की बदौलत भारत और पश्चिम एशियाई क्षेत्र के बीच रक्षा मोर्चे पर कुछ विकास हुआ है।
- इसके अलावा भारत को दशकों से अरब की खाड़ी और इज़राइल के मध्य एक बेहद ही नाज़ुक संतुलनकारी के तौर पर कार्य करना पड़ा है।
- अब्राहम समझौते(Abraham Accord) पर हस्ताक्षर ने इस महत्वपूर्ण रणनीतिक बाधा को दूर कर दिया है।