क्या हैं कार्बन डॉट्स (What are Carbon Dots)

चर्चा में क्यों:
- वैज्ञानिकों के अनुसार, नैनोमैटेरियल्स या कार्बन डॉट्स (सीडी) जैसी आधुनिक तकनीक जल प्रदूषण जैसे पर्यावरणीय मुद्दों का समाधान हो सकती है।
कार्बन डॉट्स के बारे में:
- कार्बन डॉट्स को कार्बन नैनोमटेरियल परिवार के सबसे नए सदस्यों के रूप में जाना जाता है
- इन्हें 2004 में खोजा गया था और इनका औसत व्यास 10 नैनोमीटर से कम है।
- वैज्ञानिकों के अनुसार, कार्बन-आधारित नैनोमैटेरियल (Carbon-based nanomaterials) का उपयोग जैव-इमेजिंग के लिये नैदानिक उपकरणों के रूप में किया जाता है
- इनका प्रयोग विशेष रूप से कैंसर कोशिकाओं का पता लगाने, रासायनिक संवेदन और ऑप्टो-इलेक्ट्रॉनिक्स (Opto-Electronics) में किया जाता है।
कार्बन डॉट्स (सीडी) कैसे बनते हैं?
- “टॉप-डाउन” विधि: यह प्रक्रिया लेजर एब्लेशन, आर्क डिस्चार्ज, और रासायनिक या विद्युत रासायनिक ऑक्सीकरण द्वारा बड़ी कार्बन संरचनाओं को क्वांटम-आकार के कार्बन डॉट्स में परिवर्तित करती है।
- “बॉटम-अप” विधि: पायरोलिसिस, कार्बोनाइजेशन, हाइड्रोथर्मल प्रक्रियाओं या माइक्रोवेव-असिस्टेड सिंथेसिस द्वारा छोटे अणुओं का कार्बोनीकरण कर कार्बन डॉट्स बनाये जाते हैं ।
कार्बन डॉट्स (सीडी) के लाभ? :
- कार्बन डॉट्स ने शोधकर्ताओं का ध्यान मुख्य रूप से कार्बनिक और अकार्बनिक दोनों प्रकार की सामग्रियों से उनकी सुविधाजनक उपलब्धता के कारण आकर्षित किया है।
- कार्बन डॉट्स में क्वांटम डॉट्स की जगह उपयोग किए जाने की क्षमता होती है, जो अधिक विषैले और कम जैव-संगत होते हैं।
- कार्बन डॉट्स सस्ते , अत्यधिक जैव-संगत, और पर्यावरण के अनुकूल हैं।