
चर्चा में क्यों?
परम सिद्धि को आर्टिफिशल इंटेलिजेंस सुपरकम्प्यूटिंग की वैश्विक दुनिया में भारत का सबसे तेज़ सुपरकम्प्युटर घोषित किया गया है। इस सुपरकम्प्युटर के चलते साइबर सुरक्षा , शिक्षा , स्वास्थ्य , अंतरिक्ष , कृषि और संचार के क्षेत्र में तेज़ी आएगी। इसकी मदद से सूक्ष्म एवं लघु उद्योग , स्टार्टअप्स , शिक्षा और उद्योग को भी लाभ होगा।
गौर तलब है की भारत राष्ट्रीय सुपरकम्प्यूटिंग मिशन के सहारे 70 सुपरकम्प्युटर का एक नेटवर्क बना रहा है।
भारत में सुपर कंप्यूटर
राष्ट्रीय सुपरकम्प्यूटिंग मिशन के तहत बनाया जाने वाला पहला सुपर कंप्यूटर था परम शिवाय। इसे भी पुणे स्थित C -DAC द्वारा बनाया गया था। परम शिवाय में १लाख २० हज़ार से ज़्यादा कंप्यूट कोर्स और ८३३ टेरा फ्लॉप्स लगे हुए थे। टेरा फ्लॉप कंप्यूटर की प्रोसेसिंग स्पीड को मापने की एक इकाई है।
राष्ट्रीय सुपरकम्प्यूटिंग मिशन के तहत आई आई टी खरगपुर ऐसा पहला संस्थान था जिसे सुपरकम्प्युटर की सुविधा दी गयी थी
भारतीय सुपरकम्प्युटरों का विश्व में स्थान
दुनिया में सुपरकम्प्युटर को अलग स्थानों पर रखने का मानदंड उनकी स्पीड है। भारत में नीचे दिए गए कुछ सुपरकम्प्युटर ऐसे हैं जिनकी गिनती दुनिया के सुपरकम्प्युटर्स में होती है :
प्रत्युष : ये पूरी दुनिया में 39 वे पायदान पर है और इसकी स्पीड 4006 टेरा फ्लॉप प्रति सेकंड है। यह भारतीय मौसम संस्थान में रखा हुआ है
मिहिर : इसकी गिनती दुनिया के सबसे तेज़ सुपरकम्प्युटर्स में 66 वे क्रम पर की जाती है। यह नेशनल सेंटर फॉर मध्यम रेंज वेअथेर फोरकास्टिंग में रखा गया है।
InC1 : ये दुनिया में 206 नंबर आता है।
SERC : इसे भारतीय विज्ञान संस्थान में रखा गया है। इसकी गणना 327 वे नंबर पर होती है। इसकी स्पीड 1244 टेरा फ्लॉप प्रति सेकंड है।
दुनिया का सबसे तेज़ सुपरकम्प्युटर :
जापान का फुगाकु दुनिया का सबसे तेज़ सुपरकम्प्युटर है। फुगाकु की ऑपरेटिंग स्पीड 415 पेटाफ्लोप्स है।
राष्ट्रीय सुपर कंप्यूटिंग मिशन
इस मिशन का मकसद देश में मौजूद संस्थानों में सुपरकम्प्यूटिंग ग्रिड का विकास कर शोध और विकास कार्यों को बढ़ावा देना है। इस ग्रिड के तहत 70 उच्च क्षमता वाले कंप्यूटिंग सुविधा वाले सुपरकम्प्युटर को लगाना । इसे लागू करने का ज़िम्मा पुणे स्थित प्रगतसंगणन विकास केंद्र या CDAC का होगा।