क्यों मनाते है अंत्योदय दिवस (Antyoday Diwas)


क्यों मनाते है अंत्योदय दिवस (Antyoday Diwas)

Pandit Deendayal Upadhyaya

चर्चा में क्यों?

  • अंत्योदय दिवस (Antyoday Diwas) को राष्ट्रीय स्तर पर व्यापक पहचान तब हासिल हुई जब साल 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जन्मदिन के अवसर पर मानाने की घोषणा की
  • ज्ञात हो की दीन दयाल उपाध्याय का जन्मदिन प्रतिवर्ष 25 सितम्बर को मनाया जाता है .

मुख्य बिंदु

  • पं दीन दयाल उपाध्याय एक जाने माने राजनीतिज्ञ थे . वे भारतीय जनसंघ के प्रमुख नेताओं में से एक थे . जनसंघ से ही बाद में भारतीय जनता पार्टी(BJP) का जन्म हुआ.
  • अंत्योदय का मतलब है सबसे ज़्यादा गरीब को उठाना या उसका उद्धार करना
  • इस दिवस के अवसर पर समाज के सबसे वंचित तबकों तक पहुँच सुनिश्चित की जाती है
  • इस दिन 2014 में, ग्रामीण विकास मंत्रालय ने अपने मौजूदा कौशल विकास कार्यक्रम- आजीविका कौशल- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) को फिर से शुरू किया।
  • हालांकि, उन्होंने नवंबर 2015 में एनआरएलएम कार्यक्रम का नाम बदल कर दीनदयाल अंत्योदय योजना कर दिया।
  • इस अवसर पर ग्रामीण विकास मंत्रालय भी कौशल विकास कार्यक्रम – ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान और दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के लाभार्थियों का अभिनंदन करता है।
  • अंत्योदय मिशन की भावना ‘अंतिम व्यक्ति तक पहुंचने’ में निहित है, और इसलिए, इस दिन का उद्देश्य भारत के सभी पात्र ग्रामीण युवाओं की मदद करना और उन्हें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय रोजगार के अवसर प्रदान करना है।
  • यह दिन कई रक्तदान शिविरों, सेमिनारों, संगोष्ठियों और अन्य गतिविधियों के आयोजन द्वारा मनाया जाता है।

कौन थे दीन दयाल उपाध्याय

  • पंडित दीन दयाल उपाध्याय का जन्म 1916 में मथुरा में हुआ था और उन्होंने 1953 से 1968 तक भारतीय जनसंघ की सेवा की थी।
  • वे भाजपा(BJP) की स्थापना के समय से ही वैचारिक मार्गदर्शन और नैतिक प्रेरणा के स्रोत थे।
  • फरवरी 1968 में मुगलसराय जंक्शन रेलवे स्टेशन के पास रहस्यमय परिस्थितियों में उपाध्याय जी की मृत्यु हो गई।
  • बाद में 2018 में यूपी सरकार द्वारा मुग़ल सराय रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर “दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन” कर दिया गया।
  • इस वर्ष, अंत्योदय दिवस पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 105 वीं जयंती को चिह्नित करेगा।
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