ढोले या एशियाई जंगली कुत्ता (Dhole Asiatic wild Dog)


ढोले या एशियाई जंगली कुत्ता (Dhole Asiatic wild Dog)

Dhole Asiatic wild Dog

चर्चा में क्यों?

  • हाल के एक अध्ययन ने उन महत्वपूर्ण तालुकों और तहसीलों की पहचान की है जहां ढोल या एशियाई जंगली कुत्तों की आबादी बढ़ाने के लिहाज़ से पर्यावासों को समेकित किया जा सकता है।

ढोल के बारे में

  • ढोल को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1975 की द्वितीय अनुसूची के तहत रखा गया है जहां इसे पूर्ण सुरक्षा के प्रावधानों के तहत रखा गया है और इसके अंतर्गत अपराधों पर अधिकतम दंड का प्रावधान है

  • IUCN की रेड लिस्ट में इसे संकटापन्न प्रजाति के रूप में चिन्हित किया गया है।

  • ढोल मध्य, दक्षिण, पूर्वी एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया का मूल निवासी है।

  • भारत में शायद ढोल सबसे बड़ी संख्या में पाए जाते हैं , जिसकी प्रमुख आबादी तीन स्थानों पर पाई जाती है – पश्चिमी घाट, मध्य भारत और पूर्वोत्तर भारत।

  • यह एक बड़े झुण्ड के अंतर्गत रहने वाला सामजिक प्राणी है जिसमे प्रजनन हेतु बड़ी संख्या में मादाएं पायी जाती है।

ढोल का महत्व

  • ढोल वन पारिस्थितिकी प्रणालियों में शीर्ष शिकारियों के रूप में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

  • इस गिरावट में योगदान देने वाले कारकों में निवास स्थान का नुकसान, शिकार का नुकसान, अन्य प्रजातियों के साथ प्रतिस्पर्धा, और घरेलू कुत्तों से रोग हस्तांतरण शामिल हैं।

प्रश्न : निम्नलिखित में से जानवरों का कौन सा समूह लुप्तप्राय प्रजातियों की श्रेणी में आता है?

  • (a) ग्रेट इंडियन बस्टर्ड, कस्तूरी मृग, लाल पांडा, एशियाई जंगली गधा

  • (b) कश्मीर स्टैग, चीता, ब्लू बुल, ग्रेट इंडियन बस्टर्ड।

  • (c) हिम तेंदुए, दलदल हिरण, रीसस बंदर, सरस (क्रेन)

  • (d) शेर पूंछ मकाक, ब्लू बुल, हनुमान लंगूर, चीता

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