वैश्विक नवाचार सूचकांक (Global Innovation Index) -2021

सन्दर्भ
- विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (WIPO) की वैश्विक नवाचार सूचकांक(Global Innovation Index) 2021 रैंकिंग में भारत 2 स्थान ऊपर 46 वें स्थान पर आ गया है।
- भारत पिछले कई वर्षों में वैश्विक नवाचार सूचकांक (GII) की रैंकिंग में लगातार सुधार कर रहा है। भारत इस रैंकिंग में 2015 में 81 से 2021 में 46 स्थान पर आ गया है।
- कोविड महामारी के कारण पैदा हुए अभूतपूर्व संकट के खिलाफ हमारी लड़ाई में नवाचार सबसे आगे रहा है, और यह देश को विकास के पथ पर अग्रसर करने और आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण साबित होगा, जैसा कि प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत आह्वान में निहित है।
मुख्य बिंदु
- विशाल ज्ञान पूंजी, जीवंत स्टार्ट-अप ईकोसिस्टम और सार्वजनिक तथा निजी अनुसंधान संगठनों द्वारा किए गए अद्भुत काम के कारण जीआईआई(GII) रैंकिंग में लगातार सुधार हुआ है।
- परमाणु ऊर्जा विभाग; विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग; जैव प्रौद्योगिकी विभाग और अंतरिक्ष विभाग जैसे वैज्ञानिक विभागों ने राष्ट्रीय नवाचार ईकोसिस्टम को समृद्ध बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
- नीति आयोग विभिन्न क्षेत्रों, जैसे इलेक्ट्रिक वाहन, जैव प्रौद्योगिकी, नैनो प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष, वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत आदि में नीति नेतृत्व में नवाचार लाने हेतु राष्ट्रीय प्रयासों को अनुकूल सुनिश्चित करने के लिए अथक प्रयास कर रहा है।
- भारत नवाचार सूचकांक, का नवीनतम संस्करण है, जिसे पिछले साल नीति आयोग द्वारा जारी किया गया था, जिसे भारत के सभी राज्यों में नवाचार के विकेंद्रीकरण की दिशा में एक बड़े कदम के रूप में व्यापक रूप से स्वीकार किया गया है।
- नीति आयोग(NITI Aayog) द्वारा वैश्विक रैंकिंग में भारत की स्थिति की निगरानी और मूल्यांकन पर निरंतर जोर दिया गया है, जिसमें जीआईआई(GII) भी शामिल है।
क्या है वैश्विक नवाचार सूचकांक(Global Innovation Index) -2021
- वैश्विक नवाचार सूचकांक(Global Innovation Index), दुनिया भर की सरकारों के लिए अपने-अपने देशों में सामाजिक और आर्थिक परिवर्तनों का आकलन करने का आधार है।
- यह दुनिया भर के 131 देशों और अर्थव्यवस्थाओं के नवाचार प्रदर्शन के बारे में विस्तृत मेट्रिक्स प्रदान करता है।
- इसके 80 संकेतक राजनीतिक वातावरण, शिक्षा, बुनियादी ढांचे और व्यापार परिष्कार सहित नवाचार की व्यापक दृष्टि का पता लगाते हैं।
- यह कॉर्नेल विश्वविद्यालय, इनसीड और डब्ल्यूआईपीओ द्वारा प्रतिवर्ष प्रकाशित किया जाता है।