नर्व एजेंट नोविचोक


चर्चा में क्यों?

रूसी नेता अलेक्सी नवेलनी हाल ही में साइबेरिया से मास्को आ रहे विमान में बीमार पड़ गए थे जिसके बाद उन्हें साइबेरिया शहर के ओम्स्क में एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। जर्मनी के अस्पताल में किये गए परीक्षणों से पता चला है की उनके शरीर में सोवियत युग के नर्व एजेंट नोविचोक की मौज़ज़ूदगी पाई गयी है। अलेक्सी नवेलनी को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का सबसे कडा आलोचक माना जाता है , इसके अलावा वे कई भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करने के लिए भी जाने जाते हैं। जर्मनी की चांसलर एंजेला मैर्केल के प्रवक्ता स्टेफेन सीबर्ट ने एक बयान में बताया जर्मनी की एक सैन्य प्रयोगशाला में किये गए परीक्षणों से नर्व एजेंट नोविचोक की मौजूदगी के पुख्ता सबूत मिले हैं।

साल 2018 में नोविचोक काफी चर्चा में रहा था। इस दौरान ब्रिटेन के सॉलिस्बरी में रह रहे पूर्व रूसी जासूस सर्गेई स्क्रिपल और उनकी बेटी को ये जहर दिया गया था। उस वक़्त भी रूस ने अपने ऊपर लगे आरोपों को निराधार बताया था। अब नवेलनी के मामले में भी रूस खुद को बेक़सूर बता रहा है ।

क्या है नर्व एजेंट नोविचोक

नोविचोक के बारे में जो भी जानकारी मौजूद है वो वैज्ञानिक विल मिर्ज़यानोव और उनके साथी लेव फ्योदोतराव के दस्तवेज़ों की वजह से है। इन दोनों का तालुक सोवियत संघ की रसायन हथियार बनाने के संस्थान से था। इनका ये दस्तावेज़ 1992 में छापा गया था और इस दस्तावेज़ में ये कहा गया था की नोविचोक की मारक क्षमता इसके अमेरिकी समरूप VX से 10 गुना ज़्यादा है।

नोविचोक एक रूसी शब्द है जिसका मतलब है- नवागंतुक। साल 1970 से लेकर 1980 के मध्य विकसित नर्व एजेंट्स को सामूहिक तौर पर नोविचोक कहा जाता है। इसे सोवियत संघ के एक कार्यक्रम के तहत बनाया गया था जिसका कोड नेम था फोलिएंट।इस केमिकल को चौथी पीढ़ी का रासायनिक हथियार कहा जाता है ।

साल 1999 में अमेरिका के कुछ रक्षा अधिकारी उज्बेकिस्तान गए थे। यहां उन्होंने उस अड्डे को नष्ट किया जहां पूर्व सोवियत संघ के रासायनिक हथियारों की जांच की जाती थी । इस अड्डे की जानकारी डॉक्टर मीरजायानोव ने दी थी । ये नर्व एजेंट काफी खुफिया तरीके से तैयार किए गए थे। ये आम तौर पर अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों की नज़र में नहीं आते थे।

कितना खतरनाक है नर्व एजेंट नोविचोक

अमेरिकी नर्व एजेंट वीएक्स से पांच से आठ गुना तक ज्यादा जहरीले हैं नोविचोक के कुछ संस्करण । नोविचोक 1995 में टोक्यो के सबवे हमले में इस्तेमाल की गयी सरीन गैस से भी ज़्यादा ज़हरीली है। नोविचोक का असर कितनी देर तक रहता है इसे लेकर जानकारों में अलग अलग राय हैं । डॉक्टर मीरजायनोव का कहना है कि यह महीनों तक असरदार नहीं रहता। मगर स्क्रिपल को दिए गए नोविचोक एजेंट का आविष्कार करने वाले व्लादीमिर उगलेव का कहना है कि यह जहर काफी समय तकअपना असर दिखाता रहता है। कुछ और जानकारों का कहना है की अगर नोविचोक को किसी बर्तन में रखा गया हो तो इसका असर कई सालों तक रहता है। नोविचोक न तो भाप बनकर उड़ते हैं न ही पानी में घुलते हैं।

नर्व एजेंट के प्रकार

नर्व एजेंट कई रूपों में पाए जा सकते हैं। ये द्रव भी हो सकते है और ठोस भी। ये महीन पाउडर के रुप में भी हो सकते हैं । कुछ नर्व एजेंट कम जहरीले होते हैं। इन्हे कहीं भी महफूज़ तरीके से ले जाया जा सकता है । लेकिन आपस में मिलाने पर ये बेहद खतरनाक हो जाते हैं। कुछ नोविचोक एजेंट अपना असर 30 सेकंड से दो मिनट के भीतर ही दिखा देते हैं । सांस के जरिये अंदर लेने, निगलने और त्वचा के संपर्क में आने पर भी ये असर दिखाना शुरू कर देते हैं।

क्या हैं नर्व एजेंट नोविचोक के लक्षण

बाकी नर्व एजेंट की तरह नोविचोक भी तंत्रिका तंत्र को सुन्न कर देता है। इससे शरीर में कोई हलचल नहीं होती है। इसके लक्षणों में पहला लक्षण है पुतलियां सिकुड़ना, जिसके बाद सांस लेने में भी दिक्कत हो सकती है। डॉक्टर मीरजायनोव के मुताबिक़ इसके तीन एंटीडोट्स हैं- एट्रोपाइन और एथीन। लेकिन ये भी सिर्फ बचाव के लिए हैं न की इलाज़ के लिए । अगर कोई शख्स नर्व एजेंट के संपर्क में आए तो उसके कपड़े उतारकर त्वचा को साबुन और पानी के साथ धोना चाहिए।

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