पोमोडोरो तकनीक


  • पोमोडोरो तकनीक एक समय प्रबंधन से जुडी तकनीक है जिसने कोरोना महामारी के दौरान अचानक से ही काफी शोहरत बटोर ली है।
  • दरसल में कोरोना महामारी के दौरान घर से काम करने वालों की तादाद में इज़ाफ़ा हुआ है।
  • घर से ऑनलाइन काम करने के दौरान लोगों का कई बार ध्यान भटकता है जिसमे सबसे बड़ी भूमिका होती है सोशल मीडिया की।
  • घर पर रहकर समय का प्रबंधन करना बेहद मुश्किल होता है और आराम के लिए सही वक़्त निकालकर सारे काम पूरे करना काफी चुनौती भरा काम होता है।
  • इन सबके मद्देनज़र पोमोडोरो तकनीक की अहमियत काफी बढ़ गयी है।
  • इस समय प्रबंधन की तकनीक को 80 के दशक में फ्रांसिस्को सिरिल्लो के द्वारा विक्सित किया गया था।
  • फ्रांसिस्को एक विश्वविद्यालय के छात्र थे जिन्हे अपनी पढ़ाई पर ध्यान देने में बेहद मुश्किल होती थी। इसी को ध्यान में रखते हुए उन्हें एक तकनीक इज़ाद की जिसमे टाइमर का इस्तेमाल किया जाता था।
  • तकनीक में किसी एक काम के लिए 25 मिनट का समय तय कर दिया जाता था और इसके पूरा हो जाने के बाद छोटे छोटे अंतराल के ब्रेक लिए जाते थे।
  • इस तरह से इस टाइमर का इस्तेमाल काम को छोटे छोटे भागों में बांटने में किया जाता था। काम के हर हिस्से को पोमोडोरो कहा जाता है।
  • यहाँ ये जानना बेहद दिलचस्प है की पोमोडोरो एक इटालियन भाषा का शब्द है जिसका मतलब होता है टमाटर।
  • सिरिल्लो ने टमाटर के आकार का किचन टाइमर इस्तेमाल किया था इसी वजह से इस तकनीक को पोमोडोरो तकनीक नाम दिया गया।

इस तकनीक के तहत काम को छोटे छोटे भागों में बांटना होता है जिसमे बीच में ब्रेक भी शामिल होते हैं।

इस तकनीक के चरण इस तरह से हैं:

  • किये जाने वाले काम को सूचीबद्ध करना और काम का चयन करना
  • टाइमर को 25 मिनट पर सेट करना और काम को तय समय तक पूरी लगन से करना जब तक टाइमर की घंटी न बजे
  • जब अंतराल समापत हो जाये तब एक पोमोडोरो को गिना जाता है और इस दौरान किये गए काम को रिकॉर्ड कर लिया जाता है।
  • इसके बाद 5 मिनट का ब्रेक लिया जाता है और ब्रेक के दौरान शरीर को आराम दिया जाता है
  • 4 पोमोडोरो के बाद एक लंबा ब्रेक लिया जाता है जिसमे 15 -30 मिनट का ब्रेक लिया जाता है।
  • इस तकनीक को उत्पादकता के लिए काफी मुफीद माना गया है जिसकी वजह ये है की इससे किसी भी व्यक्ति को कार्य विशेष पर ध्यान केंद्रित करने का मौक़ा मिलता है और इस दौरान वो ब्रेक भी ले सकता है।
  • इस समय प्रबंधन की तकनीक से न सिर्फ काम की उतपपादकता बढ़ती है बल्कि व्यक्ति की कार्य क्षमता में भी इज़ाफ़ा होता है। कार्य के बीच में ब्रेक लेते रहने से दिमाग भी तरोताज़ा रहता है।
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