सिविल सेवा परीक्षा: एक परिचय


सिविल सेवा परीक्षा: एक परिचय

भारत में सिविल सेवा परीक्षा (CSE) को सबसे प्रतिष्ठित परीक्षाओं में से एक  माना जाता है। इस की लोकप्रियता का आकलन इस बात से किया जा सकता है कि हर साल देश के कोने कोने से लाखों छात्र इस प्रतिष्ठित परीक्षा में शामिल होते  है। यह परीक्षा वार्षिक आधार पर एक संवैधानिक निकाय संघ लोक सेवा आयोग (UPSC )द्वारा आयोजित की जाती है।

यूपीएससी द्वारा विभिन्न केंद्रीय एवं भारतीय सिविल सेवाओं में मौजूद विभिन्न पदों के लिए उम्मीदवारों की भर्ती की जाती है जिनमे से भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS), भारतीय विदेश सेवा (IFS), भारतीय पुलिस सेवा (IPS), भारतीय राजस्व सेवा (IRS) अदि मुख्य हैं । UPSC द्वारा आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा के  दायरे में  ऐसी लगभग 24 सेवाएं आती  हैं। सिविल सेवा में पदों की संख्या और इनकी जानकारी सिविल सेवा परीक्षा की आधिकारिक सूचना में प्रकाशित की जाती है जिसे हर वर्ष के फरवरी /मार्च माह में जारी किया जाता है।

यूपीएससी द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा के तहत पदों की सूची:

अखिल भारतीय सेवाएं

  1. भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS)
  2. भारतीय वन सेवा (IFoS)
  3. भारतीय पुलिस सेवा (IPS)

समूह ‘ए’ सेवाएं

  • भारतीय विदेश सेवा (IFS)
  • भारतीय पी एंड टी एकाउंट्स एंड फाइनेंस सर्विसेज
  • भारतीय लेखा परीक्षा एवं लेखा सेवा
  • भारतीय राजस्व सेवा (सीमा शुल्क और केंद्रीय उत्पाद शुल्क)
  • भारतीय रक्षा लेखा सेवा
  • भारतीय राजस्व सेवा (आईटी)
  • भारतीय आयुध निर्माणी सेवा (सहायक कार्य प्रबंधक, प्रशासन)
  • भारतीय डाक सेवा
  • भारतीय सिविल लेखा सेवा
  • भारतीय रेल यातायात सेवा
  • भारतीय रेलवे लेखा सेवा
  • भारतीय रेलवे कार्मिक सेवा
  • रेलवे सुरक्षा बल में सहायक सुरक्षा आयुक्त का पद
  • भारतीय रक्षा संपदा सेवा
  • भारतीय सूचना सेवा (जूनियर ग्रेड)
  • भारतीय व्यापार सेवा
  • भारतीय कॉर्पोरेट कानून सेवा
  • भारतीय राजस्व सेवा (सीबीईसी)

समूह ‘बी’ सेवाएं

  • सशस्त्र सेना मुख्यालय सिविल सेवा (अनुभाग अधिकारी ग्रेड)
  • दिल्ली, अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप, दमन और दीव और दादरा और  नगर हवेली सिविल सेवा
  • दिल्ली, अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप, दमन और दीव और दादरा और  नगर हवेली पुलिस सेवा
  • पांडिचेरी सिविल सेवा
  • पांडिचेरी पुलिस सेवा

सिविल सेवा से जुड़ी प्रतिष्ठा और इसकी कार्यशैली एवं अधिकार इस करियर को सबसे आकर्षक बनाती है और इसके अलावा यह सिविल सेवा परीक्षा भारत में सबसे अधिक मांग वाला करियर भी है। राष्ट्रीय स्तर पर सिविल सेवा परीक्षा आयोजित करने का ज़िम्मा संघ लोक सेवा आयोग को दिया गया है जबकि राज्य स्तर पर इन परीक्षाओं का आयोजन सम्बद्ध राज्य का लोक सेवा आयोग करता है। राज्यों में विद्यमान विभिन्न सरकारी सेवाओं को भरने के लिए राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा परिक्षा आयोजित की जाती है।

कैरियर के रूप में सिविल सेवा

सिविल सेवा को देश की प्रशासनिक मशीनरी की रीढ़ माना जाता है। अधिकांश नीतियों और कानूनों का मसौदा नौकरशाहों द्वारा ही तैयार किया जाता है। इसके बाद इस मसौदे को सम्बद्ध विभाग का मंत्री सदन में इसे पेश करता है ताकि  इस पर चर्चा कर इसे आगे की प्रक्रिया के लिए आगे बढ़ाया जा सके। भारतीय प्रशासनिक सेवा भारत में इंसानी नसों की तरह है जिसके माध्यम से पूरे शरीर में रक्त का प्रवाह सुनिश्चित किया जाता है ।

नीतिया बनाने के अलावा सिविल सेवकों को इन्हे लागू करने की भी ज़िम्मेदारी दी जाती है। सिविल सेवक जनता और सरकार के बीच एक पुल की तरह कार्य करते हैं। इस तरह से सिविल सेवा के माध्यम से जनता को सरकार द्वारा लाभकारी नीतियों और कार्यक्रमों का लाभ पहुंचाकर उनकी सेवा करने का भी अवसर मिलता है। इस सेवा में मिलने वाली शक्तियों और सुविधाओं की वजह से भी सिविल सेवा परिक्षा को सबसे अहम् और अद्वितीय  दर्ज़ा देते हैं।

पात्रता

सिविल सेवा परीक्षा के लिए पात्रता मानदंड इस प्रकार है:

  • IAS और IPS अधिकारी बनने के लिए उम्मीदवार के पास भारत की नागरिकता होनी चाहिए। हालाँकि इन दो सेवाओं को छोड़कर भारत या किसी अन्य देश का नागरिक परिक्षा में शामिल हो सकता है । हालांकि पात्रता के कुछ विशिष्ट मानदंड  हैं जिन्हें दूसरे देश के नागरिकों द्वारा पूरा किया जाना चाहिए।
  • उम्मीदवार की आयु परीक्षा वर्ष के 1  अगस्त को 21 से 32 वर्ष के बीच होनी चाहिए। परीक्षा के लिए ऊपरी आयु सीमा में कुछ शर्तों के साथ छूट दी गयी है। उदाहरण के तौर पर अनुसूचित जाति/जनजाति के उम्मीदवारों को अधिकतम 5 वर्षों जबकि अन्य पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों को 3 वर्ष की छूट दी गयी है। आयु सीमा में छूट उन उम्मीदवारों को भी दी गयी है जो पूर्व रक्षा कर्मी रहे हैं या दिव्यांग श्रेणी में आते हैं। सामान्य श्रेणी के अभ्यर्थियों के लिए अधिकतम प्रयासों की संख्या 6 निर्धारित की गयी है जबकि अन्य पिछड़े वर्गों के लिए प्रयासों की संख्या 9 और अधिकतम आयु सीमा 35  वर्ष निर्धारित की गयी है। अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के लिए प्रयासों की संख्या निर्धारित नहीं की गयी है  ऊपरी आयु सीमा 37  वर्ष रखी गयी है।
  • सिविल सेवा परीक्षा में शामिल होने के लिए एक उम्मीदवार के पास विश्वविद्यालय की डिग्री होनी चाहिए, या इसके समकक्ष योग्यता होनी चाहिए। ऐसे उम्मीदवार जो डिग्री परीक्षा के अंतिम वर्ष में हैं वे सिविल सेवा परीक्षा की प्रारंभिक परीक्षा में प्रवेश पाने के लिए योग्य होंगे लेकिन ऐसे उम्मीदवारों को मुख्य परीक्षा में शामिल होने से पूर्व अपनी डिग्री परीक्षा में उत्तीर्ण होने का प्रमाण देना अनिवार्य होगा।
  • ऐसा उम्मीदवार जो पूर्व की परीक्षा में आईएएस या आईएफएस अधिकारी चुना गया हो और उस पद पर विद्यमान हो वह आगे की परीक्षा में प्रतिभाग करने का उत्तराधिकारी नहीं होगा। साथ ही ऐसा उम्मीदवार जो पूर्व में आईपीएस के पद पर तैनात हो उसे आगे की परीक्षा में आईपीएस का चयन करने का अधिकार नहीं होगा।

आईएएस परीक्षा प्रक्रिया

  • UPSC  द्वारा आयोजित सिविल सेवा  परीक्षा तीन स्तरों में आयोजित की जाती है – प्रारंभिक, मुख्य और व्यक्तित्व परीक्षण (साक्षात्कार)।
  • प्रारंभिक परीक्षा में वस्तुनिष्ठ या बहुविकल्पीय प्रश्न पूछे जाते है। इस परीक्षा में प्राप्त अंकों को अंतिम परीक्षा के परिणाम में नहीं जोड़ा जाता है और इसका उद्देश्य मात्र प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण करना है।
  • मुख्य परीक्षा में प्रश्नों की प्रकृति व्याख्यात्मक होती है एवं  इसमें 4 सामान्य अध्ययन के प्रश्नपत्र  , 2 वैकल्पिक प्रश्नपत्र , एक निबंध प्रश्नपत्र , एक हिंदी और अंग्रेजी का प्रश्नपत्र शामिल हैं।
  • हालाँकि, हिंदी और अंग्रेजी के अंकों को अंतिम अंकों में नहीं जोड़ा जाता है, वे अर्हक प्रकृति के होते हैं।
  • अंतिम दौर व्यक्तित्व परीक्षण है जो प्रकृति में मौखिक है और इसका उद्देश्य मानसिक सतर्कता और बुद्धितत्परता का पता लगाना है। ऐसे उम्मीदवार  जो परीक्षा के तीनों चरणों में उत्तीर्ण होते है वे भारत की सबसे प्रतिष्ठित सिविल सेवा परीक्षा के पदों पर चयनित होते हैं।
  • हालांकि सिविल सेवा परीक्षा को  देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है, फिर भी सही दृष्टिकोण एवं रणनीति,के साथ  एक उम्मीदवार पहले ही प्रयास में सिविल सेवा परीक्षा को उत्तीर्ण  कर सकता है। पहला और किसी भी उम्मीदवार के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात सिविल सेवा परीक्षा की आवश्यकताओं को जानना और समझना है, जैसे आईएएस परीक्षा (प्रारंभिक और मुख्य) के लिए यूपीएससी पाठ्यक्रम, पैटर्न, पात्रता मानदंड, आवेदन

आवेदन की प्रक्रिया

  • उम्मीदवारों को upsc की  आधिकारिक वेबसाइट https://www.upsconline.nic.in/ पर जाकर  दो  चरणों वाले ऑनलाइन आवेदन को पूरा करना होगा।
  • उम्मीदवारों को 100/- रुपए केवल एक सौ रुपए का शुल्क देना होगा [अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति / महिला / बेंचमार्क विकलांग उम्मीदवारों को भुगतान से छूट दी गई है को छोड़कर ]
    या तो भारतीय स्टेट बैंक की किसी भी शाखा में नकद , या ऑनलाइन भुगतान के माध्यम से (भारतीय स्टेट बैंक की नेट बैंकिंग सुविधा या किसी वीज़ा/मास्टर/रुपे क्रेडिट/डेबिट कार्ड का उपयोग करके)
  • ऑनलाइन आवेदन पत्र भरना शुरू करने से पहले, उम्मीदवार के पास जेपीजी प्रारूप में विधिवत स्कैन किए गए हस्ताक्षर के साथ  उसका फोटो होना चाहिए और आवेदकों को कई आवेदन जमा करने से बचना चाहिए। एकाधिक आवेदनों के मामले में, उच्च पंजीकरण आईडी वाले आवेदनों पर आयोग द्वारा विचार किया जाएगा।
  • आवेदकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अपना आवेदन पत्र भरते समय, वे अपना वैध और सक्रिय ई-मेल आईडी प्रदान करें क्योंकि आयोग परीक्षा प्रक्रिया के विभिन्न चरणों में उनसे संपर्क करने के लिए  संचार के इलेक्ट्रॉनिक मोड का उपयोग कर सकता है।
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