यूपीएससी(UPSC) के लिए हिंदी समाचार पत्र (Newspaper) कैसे पड़ें


यूपीएससी(UPSC) के लिए हिंदी समाचार पत्र (Newspaper) कैसे पड़ें

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भारत सरकार की उच्च सिविल सेवाओं में भर्ती के लिए संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा, भारत में सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा है जिसमें हर साल भारत के हर हिस्से से लाखों उम्मीदवार शामिल होते हैं। इस प्रेरणा के पीछे दो मुख्य कारण नौकरशाही के अभिजात वर्ग और राष्ट्र की सेवा में शामिल होने की प्रबल इच्छा है। हालांकि, एक सिविल सेवक को जो सम्मान और आदर दिया जाता है, वह भी इसके पीछे का कारण हो सकता है। सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी आसान नहीं है क्योंकि परीक्षा को पास करने के लिए धैर्य, दृढ़ता और दृढ़ इच्छाशक्ति की आवश्यकता होती है ।
इस परीक्षा को तीन चरणों के अंतर्गत आयोजित किया जाता है और हर चरण अपने आप में अत्यधिक महत्व रखता है। यूपीएससी परीक्षा को पास करने के लिए समर्पण और कड़ी मेहनत प्रमुख रणनीति है, हालांकि, परीक्षा को पास करने के लिए रणनीति और योजना को लेकर अक्सर उम्मीदवारों के बीच भ्रम होता है।

पिछले कुछ वर्षों में यूपीएससी द्वारा परीक्षा में काफी बदलाव किये गए हैं.  इन बदलावों में प्रश्नों की प्रकृति और इनकी कठिनाई के स्तर में किये गए बदलाव शामिल हैं. इस परीक्षा में विगत वर्षों में ऐसे प्रश्नों का समावेश किया गया है जिसमे समसामयिकी आधारित प्रश्नों को प्रमुख रूप से वरीयता दी गयी है । यहां तक ​​कि वैकल्पिक विषयों में भी समसामयिकी आधारित मुद्दों को शामिल किया गया है. पूरे यूपीएससी पाठ्यक्रम में समसामयिकी ही ऐसा क्षेत्र है जो जीवंत और गतिशील है और इसे कवर करने के लिए कोई एक स्रोत या पाठ्य पुस्तक नहीं है। हालांकि समाचार पत्रों को किसी भी प्रतियोगी परीक्षा के लिए करंट अफेयर्स को कवर करने के लिए सबसे भरोसेमंद, विश्वसनीय और प्रामाणिक स्रोतों में से एक माना जाता है। लेकिन बाजार में ऐसे समाचार पत्रों की कमी नहीं है जो ढेर सारी सूचनाओं से भरे पड़े हैं ऐसे में किसी ऐसे समाचार पत्र का चयन करना जिसमे परीक्षा के लिहाज़ से उपयोगी हो एक दुष्कर ककार्य है । हिंदी माध्यम में ऐसे समाचार पत्रों की कमी है जिन्हे सिविल सेवा परीक्षा के लिए उपयोगी कहा जा सके.

अंग्रेज़ी माध्यम के अभ्यर्थियों के बीच दो सबसे प्रामाणिक और वास्तविक समाचार पत्र द हिंदू और द इंडियन एक्सप्रेस हैं, जिन्हे सिविल सेवा परीक्षा के लिए सबसे अहम् माना जाता है . हालाँकि हिंदी माध्यम के छात्र इसकी क्लिष्ट अंग्रेज़ी को लेकर काफी चिंतित रहते है लेकिन बढ़ते डिजिटल चैनल्स ने अब इस समस्या को भी हल कर दिया है .कई यूट्यूब चैनल और टेलीग्राम चैनल हिन्दू और इंडियन एक्सप्रेस के महत्वपूर्ण लेखों का हिंदी अनुवाद निकाल रहे हैं जिनमे परीक्षोपयोगी तथ्यों का संकलन मौजूद रहता है .फिर भी अभ्यर्थियों को प्रतिदिन समाचार पत्र स्वयं पढ़कर उनपर आधारित नोट्स बनाने की आदत डाल लेनी चाहिए . लेकिन जिन हिस्सों को कवर करने और उन पर जोर देने की आवश्यकता है, उन पर उम्मीदवारों को काफी अस्पष्टता रहती है।

सिविल सेवा के दृष्टिकोण से समाचार पत्र पढ़ते समय, समाचार पत्र में कुछ अंश ऐसे होते हैं जिन्हें एक बार में छोड़ देना चाहिए जैसे: राजनीतिक दलों, मनोरंजन और चुनाव कवरेज आदि से संबंधित अनुभाग।

समाचार पत्र में कई ऐसे खंड होते हैं जिन्हें एक उम्मीदवार को ख़ास तौर पर लक्षित करना चाहिए और इन पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए जैसे: किसी भी योजना या कार्यक्रम पर चर्चा करने वाले समाचार या संपादकीय से संबंधित क्षेत्रों पर बहुत ध्यान देना चाहिए, भारत और इसकी नीतियों और योजनाओं , इसके पड़ोसी से जुड़े किसी भी संकट से जुड़े समाचार , जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता, संरक्षण, आदि से संबंधित लेख, किसी भी भौगोलिक समस्या, आरबीआई द्वारा किसी भी नीतिगत पहल पर चर्चा इत्यादि मुद्दों को ज़्यादा तवज़्ज़ो देनी चाहिए । समाचार पत्रों में उन हिस्सों का चयन करें जो पाठ्यक्रम में वर्णित हो. आम तौर पर एक समाचार पत्र के लिए 2-2.5 घंटे का समय पर्याप्त से अधिक होता है। लेकिन इतने समय में पूरे अखबार को कवर करना काफी मुश्किल है।

कम समय में समाचार पत्र को कवर करने में सहायता के लिए, यहां कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जिन्हें प्राथमिकता के आधार पर कवर किया जाना चाहिए:

  • भारत के सामाजिक और आर्थिक संकेतकों जैसे जीडीपी, मुद्रास्फीति और गरीबी, दुनिया भर में आर्थिक सुधार और भारत पर उनके प्रभाव आदि से संबंधित समाचार।
  • सरकार की नीतियां और कार्यक्रम जैसे आत्म निर्भर भारत, जैम, किसान, डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया, आईपीआर नीति, स्वास्थ्य, महिला और बाल कल्याण से संबंधित नीतियां आदि।
  • आपदाएं, महामारी और भौगोलिक संकट जैसे बाढ़, सूखा, मानसून, कोरोना और उसमें पूर्व में किए गए सुधार आदि।
  • चुनाव सुधार, न्यायिक सुधार, कार्यकारी सुधार या राजनीतिक सुधार से संबंधित कोई भी समाचार।
  • बौद्धिक संपदा अधिकार और अन्य संबंधित मुद्दे
  • नदियों को आपस में जोड़ना, जल बंटवारा विवाद और संसाधनों के बंटवारे पर अंतरराज्यीय विवाद आदि।
  • विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पारिस्थितिकी और पर्यावरण से संबंधित समाचार जैसे जीआई टैगिंग, राष्ट्रीय उद्यान और बाघ संरक्षण, जलवायु परिवर्तन सम्मेलन और उनके नतीजे, भारत की परमाणु नीति आदि।
  • कला और संस्कृति से संबंधित समाचार जैसे पेंटिंग, कुछ खुदाई, विशेष नृत्य रूप, मार्शल आर्ट और मेले और त्योहार।
  • भारतीय डायस्पोरा, अंतर्राष्ट्रीय संबंध और विश्व मामलों को कवर करने वाले समाचार।
  • सीएजी, सेबी आदि जैसे संवैधानिक और वैधानिक संगठनों पर समाचार।
  • खेल पृष्ठ बिल्कुल भी प्रासंगिक नहीं है और इसे पूरी तरह से अकेला छोड़ा जा सकता है जब तक कि कुछ बहुत बड़ा नहीं हो रहा हो जैसे ओलंपिक आदि।
  • ऊपर उल्लिखित आयाम निश्चित रूप से बहुत कम समय में समाचार पत्र पढ़ते समय उम्मीदवारों के लिए दिशानिर्देशों के एक सेट के रूप में कार्य कर सकते हैं। हालांकि, उम्मीदवार इस सूची में कुछ और बिंदुओं को जोड़कर अखबार पढ़ने के संबंध में अपनी रणनीति बनाने के लिए स्वतंत्र हैं।

यदि उपर्युक्त निर्देशों का पालन किया जाता है, तो समाचार पत्र पढ़ने में लगने वाला समय घटकर 1 घंटा 45 मिनट हो जाएगा और अंत में नोट्स तैयार करने के लिए 15 मिनट का समय दिया जाना चाहिए। समाचार पत्र से नोट्स तैयार करना सबसे महत्वपूर्ण अभ्यास है क्योंकि नोट्स तैयार नहीं करने से आप रिवीजन के समय फिर से वही अभ्यास कर सकते हैं। इसलिए यह अत्यधिक अनुशंसा की जाती है कि आप नोट्स तैयार करें।

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